Mansi savita

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लेखनी प्रतियोगिता -16-Jan-2024

आज कल अपने रिश्ते में कड़वाहट बहुत है
विश्वास है मगर शक की मिलावट बहुत है
ढूंढते हो तुम मुझे हर एक कामों में
करते हो बुराई सबसे सुबह और शामों में
छोड़ो छोड़ो करके मैं सवाल नही करती 
अनबन न हो रिश्ते में इतना ही डरती
कितना कुछ बोलते मैं तो मुंह भी न खोलती
मैं तुम सी नही चलो आपको किसी और से तौलती
गुड़ की मिठास की  तरह रिश्ते को मीठा बनाती हूं
हर कुछ कितनी खामोशी से सह जाती हूं।।

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5 Comments

Gunjan Kamal

18-Jan-2024 02:57 PM

👏👌

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Mohammed urooj khan

17-Jan-2024 02:01 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Alka jain

17-Jan-2024 08:51 AM

V nice

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